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Showing posts from October, 2021

Mr Vijay Rajan Patel का परिचय

परिचय :-  विजय राजन पटेल का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर में सन् 4 जनवरी 2003 को हुआ हैं। इनका गाँव चित्रकूट जिला का आनन्दपुर नामक गाँव हैं इनका बचपन यहीं बीता इनके पिता जी का नाम श्री उमेश सिंह पटेल है जो कि एक किसान हैं तथा माता जी का नाम श्रीमती शैल कुमारी हैं जो की एक कुशल गृहणी हैं। इनके बाबा स्व. श्री हरदेव प्रसाद चन्देल जो कि जिला में विख्यात हाईस्कूल गणित के प्रवक्ता थें व दादी जी श्रीमती गंगोत्री देवी हैं। साथ ही इनके बड़े बाबा जी स्व. श्री माता प्रसाद विसारद जो की एक राष्ट्रपति पुरस्कृत अध्यापक थें। Facebook Page Instagram ID Twitter ID Facebook ID :- 1 Facebook ID :- 2

VRP Thought in hindi - Vijay Rajan Patel

 

परिचय Mr Vijay Rajan Patel

परिचय:- विजय राजन पटेल का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर में सन् 4 जनवरी 2003 को हुआ हैं। इनका गाँव चित्रकूट जिला का आनन्दपुर नामक गाँव हैं इनका बचपन यहीं बीता इनके पिता जी का नाम श्री उमेश सिंह पटेल  है जो कि एक किसान हैं तथा माता जी का नाम श्रीमती शैल कुमारी हैं जो की एक कुशल गृहणी हैं। इनके बाबा स्व. श्री हरदेव प्रसाद चन्देल जो कि जिला में विख्यात हाईस्कूल गणित के प्रवक्ता थें व दादी जी श्रीमती गंगोत्री देवी हैं। साथ ही इनके बड़े बाबा जी स्व. श्री माता प्रसाद विसारद जो की एक राष्ट्रपति पुरस्कृत अध्यापक थें। Facebook Page Instagram 🆔 Facebook 🆔- 1         Facebook 🆔- 2 Twitter 🐦

नेशनल यूथ टीम ऑफ इण्डिया - NYTI

संगठन का इतिहास:- NYTI संगठन की स्थापना 1 जुलाई 2021 को श्री विजय राजन पटेल और उनके सबसे अच्छे मित्र श्री विष्णु प्रताप सिंह जी मिलकर की हैं। नेशनल यूथ टीम ऑफ इण्डिया एक औपचारिक संगठन एक सहकारी प्रणाली है जिसमें लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं और औपचारिक रूप से एक सामान्य उद्देश्य के लिए अपने प्रयासों को संयोजित करने के लिए सहमत होते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसमें मुख्य तत्व बल्कि सरलीकृत परिभाषा है “जागरूक समन्वय"।  Facebook 🆔          Instagram 🆔           Twitter 🐦 🆔 संगठन का सिद्धांत:-   संगठन वह बुनियादी औजार है जिसके जरिए प्रशासनिक प्रक्रिया को चालू हालत में रखा जाता हैं। युवाओं को अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाना चाहिए, न कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में। वही, आज के युग में हम कुछ भटके हुए हैं तो हमें इस भटकाव को वैचारिक परिपक्वता के आधार पर इसे समझने की जरूरत हैं। अपरिपक्व वैचारिक मानस का युवा जो बिना कुछ सोचे- समझे जीवन की भाग दौड़ में लगा है, आए दिन समाज में अमानवीय घटनाओं का शिकार हो रहा है। साथ ही आज ...